पहाड़ में फोटोग्राफी करना वैसे तो आसान नहीं किंतु मन को शांति जरूर पहुँचाती है| दुनिया का हर एक व्यक्ति पहाड़ (गढ़वाल) में आकर यहाँ कि सुंदरता को कुछ यादो में बटोर कर लेजाता है| उत्तराखण्ड कि धरती में न जाने अब तक कितने लोग आए और इसकी सुंदरता को अपने कैमरे में कैद कर चले गए और देश ही नहीं बल्किं में विदेश में भी यहाँ की सुंदरती रा प्रचार करते हैं|
यहाँ आने वाले सभी लोग यहाँ आकर के यहाँ की सुंदरता कि बस तारीफ ही करता है क्योकिं पहाड़ कि हर एक जगह अपने आप में एक अलग सुंदरता को दिखाता है| पहाड़ की सुंदरता दिखाने वाले सभी लोग यहाँ की संस्कृति की झलक अपनी फोटो में दिखाते है|
पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड़ सबसे सुदंर राज्यो में से एक है साल में लाखों यात्री, पर्यटक यहाँ की सुंदरता को निहारने आते है| यहाँ फिल्मों कि शूँटिग के लिए बहुत अच्छे अच्छे स्थल है जैसे टिहरी, बद्रीनाथ, औली, चोपता, बैनीताल, आदि|
फोटोग्राफी एवं फिल्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड़ राज्य अपनी अलग पहचान बना सकता है पर कुछ कारणो से राज्य हमारा इस क्षेत्र में पीछे है एेसा नहीं है कि यहाँ फिल्म नहीं शूट होती, होती है लेकिन बडे स्तर के र्निमाता यहाँ कुछ कर नहीं रहे|
उम्मीद है आने वाले कुछ सालो में यहाँ कि सुंदरता को हम बडे पर्दे में देख सकेंगे |
पहाड़ में ज्यादा सुविधा न होने के कारण इसकी मार झेल रहा है| अपनी सुंदरता का तो धनी है किंतु प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण प्रदेश फिल्मी जगत से दूर है पहाड़ कि गढ़वाली फिल्म बस यही तक सीमीत है आने वाले भविष्य पर सबकी नजर है अगर आने वाले समय में अच्छा कार्य होता है फिल्म जगत में उत्तराखण्ड का नाम आता है तो आने वाले यहाँ के खुशहाल भविष्य का सपना सबका पूर्ण हो जाएगा|
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